नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की लेगें शपथ, 9 जून का दिन कितना शुभ
ज्योतिष के आंकलन ओर समय समय पर ग्रहो के बदलने से हर पल स्थति को देखना जरूरी होता है । हर ग्रह ओर नक्षत्र का अपना प्रभाव है जो व्यक्ति के जीवन मे लंबे समय तक असर देता है । महूर्त का प्रभाव भी यही होता है शुभ और अशुभ महूर्त भी कार्य की सफलता और असफलता को प्रभावित करता है ।
नरेंद्र मोदी जी शपथ ग्रहण संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी अब प्रधानंत्री की शपथ 8 को नहीं 9 जून को लेने जा रहे हैं. पहले 8 जून को लेकर ये संभावना जताई जा रही थी कि इस दिन तीसरी बार नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं, लेकिन अब 9 जून 2024 रविवार की शाम को शपथ लेगें. ग्रह नक्षत्रों की चाल से समझते हैं कि 8 या 9 जून, कौन सी डेट ज्यादा शुभ है-
बीजेपी और उसके सहयोगी दल
लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी (BJP) के खाते में 240 सीटें आई हैं. सहयोगी दल तेलुगू देशम पार्टी (TDP) 16, जेडीयू 12, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना 7 और चिराग पासवान नीत लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने 5 सीटें जीती हैं. इन दलों की सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी.
नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की लेगें शपथ, 9 जून का दिन कितना शुभ होगा ।
नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू भी साथ
जेडीयू (JDU) और टीडीपी (TDP) भी साफ कर चुकी है कि वो एनडीए (NDA) में ही रहेगी. नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के साथ आने के बाद एनडीए की सरकार के गठन की स्थिति साफ हो गई है. 9 जून 2024 को नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं.
9 जून 2024 का पंचांग
नरेंद्र मोदी यदि 9 जून को शपथ लेते हैं तो उस दिन का पंचांग क्या कहता है, ग्रह-नक्षत्रों की चाल इस दिन कैसी रहेगी और इस सरकार के भविष्य को कितना प्रभावित करेगी? इसे भी जानना आवश्यक है.
9 जून को रविवार का दिन रहेगा. ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि दोपहर 3 बजर 46 मिनट तक रहेगी इसके बाद चतुर्थी की तिथि आरंभ होगी, शपथ चतुर्थी की तिथि में ली जाएगी. इस दिन वृद्धि योग बना है, जो एक शुभ योग है.
वहीं इस दिन पुनवर्सु नक्षत्र का समापन रात 8 बजकर 21 मिनट पर होगा, इसके बाद पुष्य नक्षत्र आरंभ होगा. यदि इस नक्षत्र में शपथ ली जाती है तो ये और भी शुभ फलदायी साबित हो सकता है. 8 जून को शपथ ग्रहण को टालने के पीछे इस दिन कम शुभ योगों का बनना भी हो सकता है.
गण्डोन्तेन्द्रभशूलपात परिघ व्याघात गण्डावमे
संक्रांति व्यतिपात वैधृति सिनीवाली कुहूदर्शके
वज्रे कृष्णचतुर्दशीषु यमघंटे दग्धयोगे मृतौ
विष्टौ सोदर भे जनीर्न पितृभे शस्ता शुभा शान्तित:।। (मुहूर्त चिंतामणि)
मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार गंडांत, ज्येष्ठा नक्षत्र, शूल योग, पात, परिघ, योग, व्याघात, गंड योग, संक्रांति व्यतिपात योग वैधृति, सिनीवाली, कुहू, वज्र, कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी, यमघंट, दग्धयोग, मृत्यु योग, भद्रा, भाई का जन्म नक्षत्र, माता-पिता का जन्म नक्षत्र इन सब में बालक, बालिका का जन्म अशुभ है, इसलिए इनकी शांति करानी चाहिए. अर्थात ये शुभ नहीं होते हैं.
8 जून को गंड योग बना था, शायद यही कारण है कि शपथ ग्रहण (Oath) की डेट में फेरबदल की स्थिति बनी. पौराणिक मान्यता के अनुसार शपथ ग्रहण के लिए चतुर्थी, नवमी, चतुर्दशी, अमावस्या और पूर्णिमा की तिथि को शुभ नहीं माना गया है.
ऐसी मान्यता है कि इन तिथियों में यदि कोई नेता या राजा शपथ ग्रहण करता है तो सत्ता चलाने में बाधाओं को सामना पड़ता है. सहयोगियों के बिखरने की भी शंका बनी रहती है.
9 अंक का नरेंद्र मोदी से संबंध
अंक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 9 का संबंध मंगल से है. नरेंद्र मोदी की कुंडल वृश्चिक लग्न ही है, जिसका स्वामी भी मंगल होता है. वहीं इस वर्ष, हिंदू नववर्ष का राजा भी मंगल है.
वहीं जन्म के समय नरेंद्र मोदी की कुंडली (Kundli) में लग्न में ही चंद्रमा और मंगल विराजमान हैं. जो एक अत्यंत शुभ योग है. वहीं वर्तमान में इनकी मंगल महादशा में शनि की अंतर्दशा में 2025 तक चल रही है.
श्री मंशापूर्ण ज्योतिष
शनि की ढैय्या बढ़ा रही मुश्किलें
इस समय नरेंद्र मोदी की कुंडली में लग्न में मंगल रूचक महापुरुष योग बन रहा है. कुंडली के दशम, तृतीय और चौथे घर का स्वामी शनि सातवें और 12 वें भाव के स्वामी शुक्र के साथ विराजमान है, जिस पर दूसरे तथा पांचवे भाव के स्वामी बृहस्पति की सातवीं दृष्टि है. लेकिन वर्तमान समय में वृश्चिक राशि पर शनि का ढैया भी चल रही है. जिस कारण इस कार्यकाल के दौरान समय समय पर चुनौतियों का भी सामना करना पड़ सकता है.। 25 04 2025 तक अनेक संकटो से गुजरना होगा , सरकार को कई निर्णय लेकर बदलना भी होंगे, । एक आकलन से यह भी कहा जा सकता है कि नरेंद्र मोदी के 5 वर्ष के कार्यकाल में कुछ बाधा भी देखी जा सकती है ।