शिवपुरी। न्यायालय श्रीमान जे0एम0एफ0सी0 श्रीमती रूपम तोमर ने डेढ लाख रूपये के चैक बांउस मामले में अभियुक्त धरमवीर नामदेव निवासी गणेश गली पुरानी शिवपुरी पर आरोप सिद्ध पाये जाने के कारण दो माह के साधारण कारावास की सजा तथा 188500/-रूपये के प्रतिकर से दण्डित किया है। परिवादी की ओर से पैरवी भरत ओझा एडवोकेट द्वारा की गई है।
परिवाद पत्र के अनुसार परिवादी भारत सिंह यादव निवासी ग्राम सेसई सडक कोलारस से 1 लाख 50 हजार रूपये बतौर ऋण उधार प्राप्त किये थे। उक्त राशि अदा करने हेतु अभियुक्त धरमवीर नामदेव ने परिवादी भारत सिंह यादव को अपने बैंक का चैक दिया था। जिसे परिवादी ने अपने बैंक में प्रस्तुत किया तो उक्त चैक बिना भुगतान के बैंक से बाउंस हो गया था। इसके पश्चात परिवादी ने अपने अधिवक्ता भरत ओझा के माध्यम से रजिस्टर्ड नोटिस जारी किया था जिसे अभियुक्त ने प्राप्त करने के पश्चात भी उक्त नोटिस का कोई जबाव नहीं दिया और न ही परिवादी से ली गई धन राशि अदा की। इसके बाद परिवादी ने माननीय न्यायालय समक्ष आरोपी के विरूद्ध धारा 138 नेगोसियेबल इनस्टूमेंट एक्ट के तहत चैक अनादरण का दावा प्रस्तुत किया गया था और अपनी साक्ष्य कराई गई। दोनों अधिवक्ताओं के तर्क सुनने के पश्चात न्यायालय द्वारा निर्णय पारित किया गया जिसमें माननीय न्यायालय जे0एम0एफ0सी0 द्वारा प्रकरण में परिवादी द्वारा आरोपी को 1 लाख 50 हजार रूपये देना प्रमाणित पाया था तथा अभियुक्त द्वारा दिया गया चैक वैध रूप से वसूली योग्य ऋण या दायित्व के उन्मोचन के लिये दिया गया था। इस कारण आरोपी धरमवीर नामदेव को धारा 138 नेगोसियेबल इंस्टूमेंट के तहत दोषी पाते हुये दो माह का कारावास एवं प्रतिकर के रूप में 188500/- रूपये से दण्डित किया गया।प्रतिकर राशि अदा न करने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।