शिवपुरी में पहली बार लगेगा स्वदेशी जागरण मंच का मेला

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-पोलोग्राउण्ड परिसर में होंगे कई सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं

शिवपुरी ब्यूरो। जिले के उद्यमियों को एक मंच प्रदान करने स्वदेशी जागरण मंच की ईकाई स्वर्णिम भारतवर्ष फाउंडेशन के तत्वधान में स्वदेशी मेले का आयोजन पहली बार शिवपुरी में होने जा रहा है। जिसका उद्देश्य क्षेत्र के छोटे-बड़े स्वदेशी वस्तुओं का उत्पादन करने वाले उद्यमियों के साथ स्थानीय संस्कृति, स्थानीय कला और स्थानीय व्यंजन को एक मंच प्रदान कर उनके व्यापार तथा क्षेत्र को बढ़ावा देना है। स्वदेशी जागरण मंच सुरेश दुबे, राकेश शर्मा, संतोष पाण्डेय, किशोर जैमिनी, शिवशंकर गुप्ता, वंदना शिवहरे ने जानकारी देते हुए बताया कि यह स्वदेशी मेला शहर के  पॉलोग्राउंड मैदान में 31 जनवरी से शुरू होगा। मेले का समापन 9 फरवरी को किया जाएगा।



पोलोग्राउण्ड में आयोजित इस स्वदेशी मेले में 160-200 से अधिक स्टॉल लगाए जाएंगे। प्रेसवार्ता अयोजित मेला प्रभारी गोपाल गौड़ ने मेले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि स्वदेशी जागरण मंच प्रदेश सहित अन्य स्थानों पर तीन सो से ज्यादा मेले आयोजित कर चुका है और कई स्वदेशी वस्तुओं के उत्पादक उद्यमियों को इसका लाभ मिला है। शिवपुरी जिले में पहली बार स्वदेशी मेले का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन स्वदेशी जागरण मंच और स्वर्णीम भारतवर्ष फाउण्डेशन के तत्वधान में आयोजित होगा। हमारा उद्देश्य क्षेत्र के स्वदेशी वस्तुओं के निर्माता छोटे-बड़े उद्यमियों को एक मंच प्रदान कर उनके विकास में मदद करना है। यह एक रंगारंग आयोजन होगा जिसमें कई सांस्कृतिक कार्यक्रम और कई प्रतियोगिताएं भी आयोजित होगी। सांस्कृतिक कार्यक्रम में भजन संध्या, मां स्वदेशी मेले का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन स्वदेशी जागरण मंच और स्वर्णीम भारतवर्ष फाउण्डेशन के तत्वधान में आयोजित होगा। हमारा उद्देश्य क्षेत्र के स्वदेशी वस्तुओं के निर्माता छोटे-बड़े उद्यमियों को एक मंच प्रदान कर उनके विकास में मदद करना है। यह एक रंगारंग आयोजन होगा जिसमें कई सांस्कृतिक कार्यक्रम और कई प्रतियोगिताएं भी आयोजित होगी। सांस्कृतिक कार्यक्रम में भजन संध्या, मां गणगौर प्रस्तुति, कवि सम्मेलन, स्वदेशी पर नाटक, भजन संध्या, बंधुओं की प्रस्तुति तथा रामलीला मंचन कार्यक्रम किए जाएंगे। स्वर्णिम भारतवर्ष फाउंडेशन स्वदेशी जागरण मंच की एक ईकाई है और यह स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देते हुए सामाजिक समरसता, कुटुम्ब प्रबोधन, नागरिक शिष्टाचार और पर्यावरण संरक्षण को लेकर स्वर्णीम भारत में योगदन देना का कार्य किया जा रहा है।

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